लीलाधर साहू
गुण्डरदेही।
बालोद जिले में जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की भूरी-भूरी सराहना की।
बालोद जिले में जल जतन अभियान अंतर्गत समाज के सभी वर्गों के सहभागिता से किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों के फलस्वरूप जल संचय-जनभागीदारी के कार्य में बालोद जिला पूरे देश में तीसरा स्थान पर है।
जिला प्रशासन के विशेष प्रयासों से जिले में कैच द रेन अभियान के तहत बारिश के बूँदों को सहजने के लिए तालाब, कूप, सोकपिट, गड्ढा निर्माण, रैन वाटर हार्वेस्टिंग आदि महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने के फलस्वरूप बालोद जिले को यह उपलब्धि प्राप्त हुआ है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल एवं जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देवाश्री मुखर्जी ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग लेकर जल संचय-जनभागीदारी के तहत बेहतर कार्य करने वाले पूरे देश के 34 जिलों के अधिकारियों की बैठक लेकर अपने-अपने जिलों में इस संबंध में किए जा रहे कार्यों की विस्तृत समीक्षा की। इस दौरान केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री एवं केन्द्रीय सचिव ने बालोद जिले में जल संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किए जा रहे कार्यों की भूरी-भूरी सराहना की।
संयुक्त जिला कार्यालय के एनआईसी कक्ष से वर्चुअल बैठक में शामिल होकर कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने बालोद जिले मेें सामुदायिक भागीदारी से जल संरक्षण हेतु किए जा रहे कार्यों के संबंध में पे्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किया। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री एवं केन्द्रीय सचिव ने बालोद जिले में जल के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किए जा रहे उपायों के संबंध में कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा द्वारा प्रस्तुत किए गए पे्रजेंटेशन की मुक्तकंठ से सराहना की। वर्चुअल बैठक के दौरान संबंधित जिलों के कलेक्टरों के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
इस दौरान कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने जिले के पे्रजेंटेशन प्रस्तुत करते हुए वर्ष 2023-24 के भूजल सर्वेक्षण रिपोर्ट की भी जानकारी दी। कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि इसके अंतर्गत जिले के डौण्डीलोहारा एवं डौण्डी विकासखण्ड को सेफ जोन, गुण्डरदेही एवं बालोद विकासखण्ड को सेमी क्रिटीकल जोन तथा गुरूर विकासखण्ड को क्रिटीकल जोन में रखा गया है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन बालोद द्वारा जिले में चलाए जा रहे जल जतन अभियान अंतर्गत जल संरक्षण, जन जागरूकता अभियान तथा फसल चक्र परिवर्तन के अलावा सघन पौधरोपण भी किया जा रहा है। श्रीमती मिश्रा ने पानी के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी देेते हुए कहा कि बालोद जिले में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 01 लाख 06 हजार 677 नवीन जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही पूर्व निर्मित 30 हजार 849 जल स्त्रोतों में सामूहिक श्रम के माध्यम से मरम्मत एवं साफ सफाई की व्यवस्था की गई। ग्राम पंचायतों के माध्यम से जल भराव वाले स्थानों का चिन्हांकन कर नवीन जल स्त्रोतों का निर्माण किया गया।
इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित आवासों में 10 हजार वाटर रिचार्ज पिट का निर्माण किया गया है। वन क्षेत्र में जल संरचनाओं के साथ मृदा एवं जल संरक्षण के कार्य अंतर्गत 03 लाख 88 हजार पौधरोपण किया गया। जिले में इस अभियान से प्रेरित होकर ग्रामीणों द्वारा स्वपे्ररणा एवं निजी राशि से 27 हजार से अधिक घरों में सोकपिट संरचना का निर्माण किया गया है। इसके अलावा जिले में 01 लाख 09 हजार 0273 स्टेगर्ड कंटूर टेंªच का निर्माण किया गया है। जिले मंे कुल 140 अमृत सरोवर का निर्माण किया गया है। जिले में 01 हजार 944 सामुदायिक तालाब, 06 हजार 160 निजी डबरी/तालाब निर्माण किया गया है।
जिले में 399 मिनी परकुलेशन टैंक, 06 हजार 614 लूज बोल्डर चैक डेम, 672 नदियों का पुनरूद्धार किया गया है। जिले में 69 स्टाॅप डेम, 316 गेबियन चेक डेम, 423 कुंआ का निर्माण किया गया है। जिले में कुल 44 हजार 49 वाटर रिचार्ज पिट का निर्माण किया गया है।
इस दौरान कलेक्टर मिश्रा ने जिले फसल चक्र परिवर्तन अंतर्गत किए जा रहे विभिन्न कार्यों के संबंध में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले के गुरूर विकासखण्ड में 36 ग्रामों में ग्रीष्मकालीन धान के रकबे को शून्य कर शत-प्रतिशत दलहन-तिलहन फसलों का क्षेत्र विस्तार किया गया है।
इस प्रकार जिले में कुल 5733 हेक्टेयर में ग्रीष्मकालीन धान के बदले दलहन-तिलहन फसलों का क्षेत्र विस्तार किया गया। जिले में कुल 7833 कृषकों को अभियान के माध्यम से जोड़ा गया है। जिले में कुल 491 कृषक चैपाल का आयोजन किया गया है। जिले में जन जागरूकता अभियान चलाया गया है। जिसके अंतर्गत प्रत्येक ग्राम पंचायत में कुल 436 जल वाहिनी समिति तथा जल जतन समिति का गठन किया गया है। जल के उपयोग/संचय के तरीके के संबंध में ग्रामीणों से चर्चा एवं लघु फिल्म की प्रस्तुति के माध्यम से जल संचय के संबंध में जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही स्कूल, महाविद्यालय, एनसीसी, एनएसएस स्तर के विद्यार्थियों को जलमित्र के रूप में भागीदारी सुनिश्चित किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 01 लाख 06 हजार 677 जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है। इसके फलस्वरूप जिले में कुल 7442 हेक्टेयर भूमि अन्य फसल में परिवर्तित होने से 65-70 प्रतिशत भूमिगत जल की अनुमानित बचत हुई। अभियान के माध्यम से किये गए प्रयासों से जल संरक्षण एवं जल संचय के प्रति जन सामान्य के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री एवं केन्द्रीय सचिव ने बालोद जिले में जल संरक्षण अभियान के तहत किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों की सराहना करते हुए सभी के लिए अनुकरणीय बताया।