परस साहू
गुण्डरदेही।
अर्जुंदा कुछ वर्षो पूर्व तक अपने अध्यापन कार्यों,
अनुशासन, बेहतर व्यवस्था एवम् अन्य गतिविधियों में श्रेष्ठता साबित करने वाला अरजुन्दा महाविद्यालय इन दिनों प्रभारी प्राचार्य डॉ.रश्मि सिंह की मनमानी के चलते सुर्खियों में बना हुवा है। छात्रों ने कहा है की छात्र छात्राओं की परेशानी से लगातार प्रभारी प्राचार्य को अवगत किया जाता रहा है। पर कभी भी प्रभारी प्राचार्य ने समस्याओं के निराकरण की ओर ध्यान न देते हुवे अपने दायित्व की महज औपचारिकता ही पूरी कर रही है।
कभी भी कोई भी औचक निरीक्षण करें पता चल जाएगा की जिस वाटर कूलर का पानी बच्चे पी रहे है।उसकी कब और किस तरीके से सफाई की गई थी।सायकल स्टैंड अस्त व्यस्त है।विभिन्न कार्यों में लगने वाले शुल्क का कोई माप दंड नही है। मनचाहा शुल्क लिया जाता है। और नि शुल्क सेवा पर भी शुल्क लेने की शिकायत पर प्रभारी प्राचार्य अवैध तरीके से शुल्क लेने वालो को जेब खर्च लेने की बात कहते हुवे उन्हे खुला संरक्षण प्रदान करती दिखती है।
जिससे कही ना कही यह स्पष्ट होता है। की प्रभारी प्राचार्य के संरक्षण में ही बच्चो की जेब में डाका डाला जा रहा है।विद्यार्थियों ने यह भी कहा की कभी भी हमारे समस्याओं के निराकरण हेतु कोई प्रभावी कदम नही उठाया गया है।विद्यार्थियों में गुस्सा फूटने की एक वजह अतिथि व्याख्याता एवम अतिथि क्रीड़ा सहायक ने थाने में सूचना दी थी की विद्यार्थियों द्वारा उनके चरित्र हनन को लेकर संदेश प्रसारित किया गया है।
अतिथि क्रीड़ा सहायक व अतिथि व्यवख्याता के द्वारा दी गई सूचना के परिणाम स्वरूप दो विद्यार्थियों को इनकी सूचना के चलते मानसिक प्रताड़ना का दंश झेलना पड़ा।जिसके चलते महविद्यालय विद्यार्थियों का आक्रोश और बढ़ गया।इसके साथ साथ विद्यार्थियों ने कहा की महविद्यालयो में ऐसे होने वाली किसी बातो को लेकर हम विद्यार्थियों को प्रताड़ित करने से हमारे मन में डर और भय व्याप्त है।
इन सब समस्याओं को लेकर जब बच्चो के आंदोलित होने की खबर प्रभारी प्राचार्य को लगी तो पता चला की प्रभारी प्राचार्य उस रोज वहां उपस्थित न होकर अतरिक्त प्रभारी प्राचार्य अरूण साहू को महाविद्यालय की जिम्मेदारी सौंप दी ।विद्यार्थियों ने तहसीलदार के साथ साथ प्रभारी प्राचार्य अरूण साहू, व थाना प्रभारी को अपनी पीड़ा ज्ञापन सौंपकर बताते हुवे समस्याओं के निराकरण की जल्द से जल्द निराकरण की मांग करते की। समस्या का निराकरण ना होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी।