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धमतरी में पानी बचाने के प्रयासों को केन्द्रीय नोडल अधिकारी ने सराहा।

संस्थापक परस साहू

धमतरी से ढाल साहू की खास रिपोर्ट।

धरातल पर काम देख हुईं प्रभावित, ग्रामीणों-किसानों से भी की बात जल शक्ति मिशन की सीएनओ चंद्रा धमतरी प्रवास पर

धमतरी 29 जनवरी 2025/ जल शक्ति अभियान की केन्द्रीय नोडल अधिकारी प्रियंका चंद्रा ने जिले में जल संरक्षण के तहत किए जा रहे कार्यों का अवलोकन किया। चंद्रा ने धमतरी में पानी बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को सराहा और धरातल पर काम देखकर प्रभावित हुईं। इसके साथ ही उन्होंने ग्रामीणों और किसानों से विस्तारपूर्वक बातचीत की। जल शक्ति मिशन की मुख्य नोडल अधिकारी आज जिला मुख्यालय के श्यामतराई स्थित विजय राईस मिल पहुंची, जहां उन्होंने रेन वाटर हार्वेस्टिंग, फ्लो मीटर और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण किया।

इस अवसर पर मिल संचालक ने बताया कि लगभग नौ एकड़ क्षेत्र में बने इस राईस मिल में तीन रेन वाटर हार्वेस्टिंग बनाए गए हैं, जिनके जरिए बारिश का पानी जमीन में जाता है। वहीं मिल के बोर में फ्लो मीटर भी लगाए गए हैं, जिनसे प्रतिदिन मिल में उपयोग किए जाने वाले पानी की जानकारी प्राप्त होती है। उन्होंने बताया कि मिल में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया गया है। इस प्लांट में मिल से निकलने वाले पानी को शुद्ध कर पुनः उपयोग में लाया जाता है। चंद्रा ने ईटीपी मॉडल की तारीफ की और इसे उद्योग संस्थानों द्वारा पानी बचाने का सराहनीय प्रयास बताया। उन्होंने मिल में बनाए गए जल शोधन संयंत्र की जानकारी भी ली और उनके संचालन के बारे में जाना।

चंद्रा ने ग्राम पंचायत परसतराई पहुंचकर जल, पर्यावरण संरक्षण एवं फसल चक्र परिवर्तन के कार्यों को देखा। केन्द्रीय नोडल अधिकारी चंद्रा ने कहा कि जिले में जल संरक्षण की दिशा में जो कार्य किए जा रहे हैं, उन्हें देखने आज दूसरी बार आई हूं। आपकी यह पहल पूरे देश में मॉडल के तौर पर विकसित हो रहा है। आपके द्वारा जल संरक्षण के लिए जो काम किए जा रहे हैं, वह अन्य लोगों के लिए प्रेरणास्पद हैं। चंद्रा ने इस मौके पर ग्राम पंचायत में बने अन्य जल संरक्षण की संरचनाओं को भी देखा। उन्होंने गांव में बनाई गई पोषण वाटिका, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सोकपीट, एक पेड़ बेटी के नाम से लगाए गए पौधों, तालाब और फसल चक्र परिवर्तन के तहत किसानों द्वारा लगाए गए सरसों एवं चना फसलों का भी अवलोकन किया। परसतराई के सरपंच परमानंद आडिल ने बताया कि कुछ वर्षों पूर्व हमारे गांव में धीरे-धीरे कुएं, नलकूप, जलस्त्रोत सूखने लगे थे, जिससे खेती किसानी सहित पानी की दिक्कत होने लगी।

इन परिस्थितियों को देखते हुए ग्रामीणों ने स्वप्रेरणा से जल और पर्यावरण संरक्षित करने के साथ ही फसल चक्र परिवर्तन का फैसला लिया और सभी एकमत होकर कम पानी वाले फसलों को लेने लगे। इस काम में गांव के सभी किसान एक कदम आगे आकर सहयोग कर रहे हैं। आडिल ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए गांव के पुराने पेड़ पर रक्षा सूत्र बांधा गया है और गांव की बालिकाओं के नाम पर 243 पौधे भी लगाए गए हैं। सरपंच आडिल ने बताया कि जल एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनोखी पहल की भी शुरूआत की गई है। इसके तहत गांव से शादी होकर जाने वाली बेटियों और शादी कर गांव में आने वाली बहुओं को उपहार स्वरूप पौधा दिया जाता है, जिसे वे मायके-ससुराल में रोपती है। इससे पर्यावरण सुधार के भविष्य के परिणाम सुखद होंगे।

चंद्रा ने परसतराई की नववधु को दी मुंह दिखाई-

केन्द्रीय नोडल अधिकारी चंद्रा ने ग्राम परसतराई प्रवास के दौरान गांव में आई नववधु रानू साहू, पति जागेन्द्र साहू को मुंह दिखाई के रूप में एक आम का पौधा उपहार स्वरूप प्रदाय किया। नवविवाहित वधु रानू साहू ने कहा कि परसतराई गांव की यह अनोखी परम्परा है। इस पौधे को मैं घर के आंगन में लगाउंगी और इसकी देखभाल भी करूंगी।

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