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ब्रह्माकुमारीज “आनंद सरोवर ” बघेरा में ओमप्रकाश भाई एवं कमला दीदी की पुण्यतिथि का आयोजन।

परस साहू

गुण्डरदेही।

*आज्ञाकारिता एवं वफादारी इन आत्माओं की विशेषता थी
* ब्रह्माकुमारीज में प्रथम दिव्य जीवन छात्रावास के स्थापना का श्रेय ओमप्रकाश भाई को जाता है ।
* ब्रह्माकुमारीज में प्रथम रिट्रीट सेंटर शांति सरोवर रायपुर के स्थापना का श्रेय ओम प्रकाश भाई को ही जाता है ।
(ब्रह्माकुमारी रीटा बहन )

गुण्डरदेही दुर्ग (छत्तीसगढ़ )- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बघेरा स्थित आनंद सरोवर में ब्रह्माकुमारीज के क्षेत्रीय निर्देशक ओम प्रकाश भाई एवं कमला दीदी (संचालिका ब्रह्माकुमारीज छत्तीसगढ़) के पुण्यतिथि का आयोजन किया गया इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज दुर्ग के शहरी, ग्रामीण अंचल व भिन्न सेवाकेंद्रों के अलावा शहर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित हुए सभी ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज दुर्ग के भिन्न-भिन्न स्थानों के भाई बहनों ने ओमप्रकाश भाई व कमल दीदी के साथ अपने बिताए हुए संस्मरणों का अनुभव सुनाया जिसमें उनकी विशेषता को धारण कर अपना जीवन परमात्मा सम बनाने की प्रेरणा लिए ।

रीटा बहन (संचालिका ब्रह्माकुमारीज दुर्ग ) ने अपने उद्बोधन में कहा कि इन आत्माओं की विशेषता थी आज्ञाकारिता निराकार परमपिता परमात्मा “शिव” हो या उनका साकार माध्यम प्रजापिता ब्रह्मा दोनों के अति अति अति आज्ञाकारी थे। ओमप्रकाश भाई जो कि परमात्मा शिव के निराकार माध्यम साकार ब्रह्मा के आज्ञाकारी थे ऐसे ही कमला दीदी ओम प्रकाश भाई के आज्ञाकारी थे। दूसरी विशेषता थी इन आत्माओं की वफादारी,वफादारी अर्थात पवित्रता लौकिक जीवन में भी एक पत्नी को वफादार तब कहा जाता है जब उनकी दृष्टि वृत्ति एक पति के अलावा और कहीं ना जाए ऐसे ही इन दोनों आत्माओं की दृष्टि में एक परमात्मा के प्रति संपूर्ण वफादारी की भावना थी। ओम प्रकाश भाई की तीसरी विशेषता थी बुद्धिमान भी थे और विवेकशील भी थे हर बात में नवीनता उनकी यह विशेषता थी। आपने ऐसी नवीनता की जिसे आज ब्रह्माकुमारीज में जिसका अनुसरण किया पहली नवीनता जो आपने की इंदौर में कन्याओं के लिए ” दिव्य जीवन कन्या छात्रावास ” की स्थापना की।

जहाँ से अनेक ब्रह्माकुमारी बहनें शिक्षित व दीक्षित हो भारत ही नहीं अपितु विश्व के विभिन्न स्थानों में सफल ब्रह्मकुमारी के रूप में अनेक आत्माओं का कल्याण करने के निमित्त बनी है व सफल संचालन कर रहीं है। दूसरी बात भारत में सर्वप्रथम परमात्मा द्वारा दिए गए ज्ञान को सभी को सहज व सरल रीति से समझाने के लिए 400 मूर्तियों से सुसज्जित आध्यात्मिक संग्रहालय की स्थापना की जिसके द्वारा अनेक आत्माओं को यह ज्ञान सहज रीति से समझ में आया।

यह पहला म्यूजियम इंदौर के न्यू पलासिया में ओम शांति भवन में स्थापना हुआ। इसके बाद संपूर्ण भारत में प्रथम रीट्रीट सेंटर “शांति सरोवर ” के नाम से रायपुर में 8:30 एकड़ की जमीन पर बना। जहां से अनेक आत्माओं को परमात्मा ज्ञान का संदेश मिला जो पहले सहयोगी बने फिर योगी बन परमात्मा के कार्य में मददगार बने। जिसमें एक और कड़ी नवीनता की जुड़ी कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विधानसभा अध्यक्ष समस्त मंत्रीगण विधायकगण एवं अनेक अधिकारी ब्रह्माकुमारीज के कार्यों को देखने व समझने ब्रह्माकुमारीज के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय “माऊँट आबू राजस्थान ” पहुंचे एवं ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा किए गए सभी कार्यों को नजदीक से देखा व जाना।

आज आप सभी जो ओमप्रकाश भाई व कमला दीदी के पुण्यतिथि पर यहां उपस्थित हुए हैं यह आनंद सरोवर उनके ही शुभ संकल्पों की देन है जिससे अनेक आत्माओं की सेवा हो रही है और अध्यात्म जगत की अनेक महान हस्तियां 2016 से 2024 तक ” आनंद सरोवर ” आ चुकी है । इन महान आत्माओं ने जिस प्रकार हमारा जीवन श्रेष्ठ बनाया परमात्मा के कार्य में हमें मददगार बनाया हमारे जीवन को सुख शांति से संपन्न बनाया तो हम सभी की उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि अन्य आत्माओं को परमात्मा का सत्य परिचय देकर हम भी अनेक आत्माओं का जीवन सुख शांति से संपन्न बनाएं।

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी दुर्ग के प्रथम विद्यार्थी बसंत मोदी (संचालक मोदी स्टोर ) , गोकुल साहू (पूर्व कमिश्नर आदिम जाति कल्याण विभाग ), रामेश्वर चंद्राकर (पूर्व रेंजर वन विभाग ) ने ओमप्रकाश भाई एवं कमला दीदी के साथ बीते हुए पलों के संस्मरण सुनाएं। शहर के गणमान्य नागरिकों में महावीर अग्रवाल नवीन अग्रवाल (सीता राइस मिल ) पवन बड़जात्या एवं अनेक लोगों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया व लक्ष्मण सोनी, मुरली भाई ने सुमधुर गीतों की प्रस्तुति दी।

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