परस साहू
गुण्डरदेही।
संत बाबा गुरु घासीदास की तपोभूमि सतनामी समाज का धर्म स्थल पावन धाम गिरोधपुरी में फागुन शुक्ल पक्ष में पंचमी षष्टी सप्तमी को 4, 5 एव 6 मार्च को 3 दिवसीय मेला का आयोजन किया जाता है जिसमें देश भर के विभिन्न प्रदेशों से लाखों की तादात में श्रद्धालु पहुंचते हैं जहां पर चरण कुंड अमृत कुंड पंच कुंडी छाता पहाड़ मुख्य मंदिर और विश्व के सबसे उंचे जैतखाम है जहां लोग माथा टेकते हैं और अपनी मन्नते पूरी करते हैं बाबा जी सत के मार्ग पर चलकर मानव समाज कल्याण के लिए मनखे मनखे एक समान का रास्ता दिखाया जिला सतनामी समाज बालोद के संरक्षक एवं संत गुरु घासीदास मंदिर समिति गौरैया धाम चौरेल के अध्यक्ष पवन जोशी ने बताया की संत बाबा गुरु घासीदास जी का जन्म 1756 गिरौदपुरी में हुआ
पिता का नाम महंगू दास माता का नाम अमरौतीन बाबा जी के पाच सुपुत्र और एक सुपुत्री हुई सुपुत्र का नाम अमर दास अगर दास अगरमन दास अड़गडिहा दास गुरु बालक दास सुपुत्री का नाम माता सोहदरा बाबा जी ने सात सिद्धांत दिए बाबा जी के सिद्धांत पर चलने वाला कभी भी परेशान नहीं होता हमेशा उसकी सहायता करता है गिरोधपुरी में गुरु घासीदास बाबा ने अनेकों महिमा दिखाएं हैं जो आज भी प्रमाणित है बालोद जिला के तहसील सतनामी समाज गुंडरदेही द्वारा तहसील अध्यक्ष नीलकंठ टंडन की अगुवाई में उनके पदाधिकारी एवं सामाजिक जनों के सहयोग से मेला स्थल गिरोधपुरी में तीन दिनों तक विशाल भोजन भंडारा का आयोजन किया जाता है