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जीवन अनमोल एवं बेशकीमती है नशापान से मुक्त होकर परिवार एवं समाज के विकास में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें: चन्द्रवाल।

लीलाधर साहू

गुण्डरदेही।

कलेक्टर एवं एसपी ने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र पाररास में पहुँचकर व्यवस्थाओं का किया अवलोकन
नशापान से दूर रहकर नए जीवन की शुरूआत करने की दी सीख

कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने कहा कि मनुष्य का जीवन दुर्लभ, अनमोल एवं बेशकीमती है। उन्होंने नशापान से ग्रसित लोगों को नशे की अभिशाप से मुक्त होकर अपने परिवार एवं समाज के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा। चन्द्रवाल आज जिला मुख्यालय बालोद के वार्ड नंबर 20 पाररास में स्थित नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में पहुँचकर नशापान से छुटकारा पाने हेतु भर्ती लोगों को समझाईश दे रहे थे।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चन्द्रवाल एवं पुलिस अधीक्षक एसआर भगत ने अधिकारियों के साथ पाररास में पहुँचकर नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इस दौरान जनसंपर्क अधिकारी चन्द्रेश ठाकुर एवं समाज कल्याण विभाग के उप संचालक अजय गेडाम भी उपस्थित थे। इस अवसर पर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में भर्ती लोगों को नशापान के दुष्प्रभावों के संबंध में जानकारी देते हुए उन्हें नशापान से दुर रहकर नए जीवन के शुरूआत करने की सीख भी दी।

कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने कहा कि नशापान करना मानव जीवन के लिए सबसे बड़ा शत्रु एवं उसके प्रगति में सबसे बड़ा बाधक है। चन्द्रवाल ने कहा कि नशापान से नशेड़ी व्यक्ति के पतन होेने के साथ-साथ उनके परिवार में भी हमेशा अशांति एवं कलह बना रहता है। उन्होंने कहा कि नशापान से व्यक्ति का शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, चारित्रिक, नैतिक सभी प्रकार के पतन होने के साथ-साथ आर्थिक क्षति एवं सामाजिक प्रतिष्ठा भी धूमिल होती है। इसके अलावा इसकी कीमत नशापान करने वाले व्यक्ति के अलावा उसके परिवार, आसपास के लोगों तथा संपूर्ण समाज को भी चुकानी पड़ती है।

इसलिए पूरे समाज को नशे के अभिशाप से मुक्त होकर अपने ऊर्जा का उपयोग स्वयं के अलावा अपने परिवार, समाज तथा राष्ट्र के हित में लगाना चाहिए। पुलिस अधीक्षक एसआर भगत ने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में भर्ती लोगों को समझाईश देते हुए कहा कि मनुष्य का जीवन बहुमूल्य एवं अत्यंत सुंदर है। इसलिए हम सभी को नशे में रत रहकर अपने कीमती जीवन को बर्बाद नही करना चाहिए। इस अवसर पर जनसंपर्क अधिकारी चन्द्रेश ठाकुर ने भी नशापान मुक्ति केन्द्र में भर्ती लोगों को नशापान के दुष्प्रभावों की जानकारी देते हुए अपने ऊर्जा का उपयोग रचनात्मक कार्यों में करने को कहा।

इस अवसर पर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के विभिन्न कक्षों के अलावा शयन एवं रसोई कक्ष में पहुँचकर वहाँ की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। चन्द्रवाल ने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के प्रबंधक से यहाँ के गतिविधियों एवं व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

इसके अंतर्गत उन्होंने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र के कुल कमरे, भोजन एवं मनोरंजन की व्यवस्था के अलावा यहाँ के अन्य गतिविधियों के संबंध में भी जानकारी ली। मौके पर उपस्थित समाज कल्याण विभाग के उप संचालक ने बताया कि इस नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र का संचालन समता जनकल्याण समिति राजनांदगांव द्वारा किया जा रहा है। इस नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में बालोद जिले के अलावा रायपुर सहित राज्य के अन्य स्थानों से भी लोग नशा से छुटकारा पाने के लिए भर्ती हुए हैं। इस मौके पर कलेक्टर श्री चन्द्रवाल ने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में भर्ती लोगों से बातचीत कर उनके निवास स्थान तथा उनके द्वारा पूर्व में किए जाने वाले नशा आदि के संबंध में जानकारी ली।

नशामुक्ति केन्द्र में भर्ती लोगों ने नशापान के कारण उन्हें एवं उनके परिवार को होने वाले क्षति के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि अब पुनः नशापान नही करेंगे तथा नशापान से दूर रहकर जीवन की नई पारी की शुरूआत करने की बात कही। इस अवसर पर उन्होंने नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र पाररास की व्यवस्थाओं की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि यहाँ के अधिकारी-कर्मचारियों के द्वारा उन्हें नशापान से दूर रहने की सीख देने के अलावा उनके सामाजिक उत्तरदायित्वों की जानकारी देते है। इसके अलावा इस नशामुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र में भोजन, मनोरंजन, आवास आदि की बेहतर व्यवस्था की गई है।

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