गुण्डरदेही।
*लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर की 300 वी जयंती के अवसर पर आज विचार गोष्ठी का आयोजन कला केंद्र बालोद में राष्ट्रीय स्वाभिमान विचार मंच के बैनर तले सम्मान*
बालोद पुण्य स्लोका लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होल्कर की 300 वीं जन्मशताब्दी स्मृति वर्ष के अवसर पर जिले में चल रहे पखवाड़े भर से विभिन्न कार्यक्रमों एवं आयोजनों के समापन अवसर पर जिला मुख्यालय बालोद के कला केंद्र में आयोजित विचार गोष्ठी का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
महिला सशक्तिकरण की पुरोधा के जीवन वृतांत एवं कृतित्वो को लेकर आयोजित विचार गोष्ठी में नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिभा चौधरी, जनपद पंचायत अध्यक्ष सरस्वती टेमरिया, पालिका सफाई कर्मी प्रमुख शबनम मंचासीन रही भारत माता एवं राजमाता अहिल्याबाई होलकर के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम आरंभ हुआ प्रस्तावना संबोधन में विभिन्न कार्यक्रम को लेकर जिला संयोजक के रूप में पवन साहू ने पखवाड़े भर से चल रहे महाविद्यालय में विचार गोष्ठी ,अहिल्याबाई के कृतित्व एवं जीवन पर्यंत उनके द्वारा किए सुशासन एवं लोक कल्याणकारी कार्यों को लेकर प्रदर्शनी रक्तदान शिविर एवं विभिन्न आयोजनों की जानकारी दी उन्होंने कहा कि उनका संपूर्ण जीवन सामाजिक कुरीतियों के विरुद्ध संघर्ष ,सुशासन ,न्याय, संस्कृति की रक्षा, महिला सशक्तिकरण जैसे विभिन्न लोक कल्याणकारी कार्यों पर समर्पित रहा आज भी उनके कार्य मानव समाज के लिए प्रासंगिक हैं हम सबको उनके जीवन पर अध्ययन करना चाहिए।
आयोजन के इस अवसर पर मुख्य वक्ता बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष यशवंत जैन ने अहिल्या बाई होलकर जी के जीवन प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कम उम्र में शादी होने के बाद वो विधवा हो गयी थी।
उसके बाद मालवा क्षेत्र के राज्य की कमान उनके हाथों में सौंपा गया उनकी कुशाग्र बुद्धिमता न्यायप्रियता और लोकप्रियता ने उन्हें भारत देश मे एक सफल शासक का दर्जा हुआ बड़े बड़े रियासत के राजा न्यायप्रियता के कारण उनसे सलाह लेते थे वह धार्मिक महिला थी जिन्होंने अपने राज में कई मंदिर शिवालय को बनवाया वह जल संरक्षण हेतु अनेक क्षेत्रों में कुआ,बावड़ी,,तालाब का निर्माण कर जल संचय का अनूठा कार्य किये किसानों के प्रति उनका मन उदार था वह लगान के पैसे से अपने राज्य में अनेकों विकास के कार्य किये अहिल्या बाई होलकर को वामपंथी इतिहास कारो ने इतिहास में जगह नही दिया पर आज उन्हें उनका सम्मान देने का कार्य पूरे देश मे चल रहा है।
आयोजन को लेकर आभार व्यक्त करते हुए समाजसेवी चेमन देशमुख ने कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर के द्वारा 300 वर्ष पूर्व किया दूरदर्शी कार्य आज भी प्रासंगिक है और आने वाले शताब्दियों तक प्रासंगिक रहेंगे बालिका शिक्षा, सती प्रथा, महिला सशक्तिकरण एवं व्यक्तित्व विकास को लेकर,जिव रक्षा एक दूरगामी सोच के साथ तीन शताब्दी पूर्व किए आनोको कार्य जैसे मिट्टी के दीए की जगह मछलियों के गर्भाधान के समय आटे का दीपदान करना एवं नदियों के किनारे वृक्षारोपण हो इसलिए आटे की गोलियों में बीजों को बहाना, जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण का सदियों पूर्व उनका दूरगामी सोच सदियों सदियों तक प्रसांगिक रहेगा।
आयोजन में प्रमुख रूप से चेमन देशमुख ,प्रतिभा चौधरी, पवन साहू ,वीरेंद्र साहू ,यज्ञदत्त शर्मा, राकेश यादव,तोमन साहू ,सरस्वती टेमरिया ,टीनेश्वर बघेल प्रेम साहू सुरेंद्र देशमुख अमित चोपड़ा अरुण साहू धर्मेंद्र साहू विवेक वैष्णव टुकेश्वर पांडे खेमलाल देवांगन जितेंद्र साहू आनंद शर्मा दुर्गानंद साहू संगीता टुवानी ज्योति राठी माहेश्वरी चंद्राकर ममता तिवारी अजय साहू डेनमाल जैन डॉक्टर छावड़ा राजू पटेल बृजेश गुप्ता दीपक लोढ़ा प्रीतम यादव गंगाधर सोनबरसा तोमरलाल सोनवानी गोमती रात्रि सुनीता मनहर आशा पटेल पुष्पा साहू कांति साहू प्राची लालवानी निशा योगी संतोष कौशिक नरेंद्र सोनवानी संतोष चंद्राकर पवन सोनबरसा संजय साहू दानेश्वर मिश्रा छगन साहू मनीष गांधी प्रदीप साहू विनोद जौन संजय योगी कमलेश गौतम रवि पांडे आदि सैकड़ो लोग शामिल रहे।