गुण्डरदेही।
गुण्डरदेही ब्लॉक के अंतिम क्षोर ग्राम ढाबाडीह के ग्रामीण आज चार ट्रैक्टर में सवार होकर लगभग 200 की संख्या में गुण्डरदेही तहसील पहुंचे, जहां ग्रामीणों ने गांव के ही व्यक्ति द्वारा शासकीय जमीन पर किए अतिक्रमण को हटाने को लेकर गुण्डरदेही तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
क्या है मामला पढ़िए पूरी ख़बर……
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत पसौद के आश्रित ग्राम ढाबाडीह में ग्रामीण बुधेलाल पिता रामअवतार द्वारा ग्राम ढाबाडीह में लगभग 20 वर्ष से शासकीय भूमि ख.नं. 02 रकबा 0.41 हे. के भाग पर अवैधानिक रूप से खेत बनाकर कब्जा कर अतिक्रमण कर लिया है। उक्त अतिक्रमण किये गये भूमि शासकीय मद में मरघट हेतु राजस्व अभिलेख में दर्ज है, परंतु ग्रामीण बुधेलाल द्वारा उक्त भूमि पर अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया है। जिसे हटाने के लिए कहने पर बुधेलाल द्वारा वाद-विवाद किया जाता है तथा ग्रामवासियों को झूठे केस में फंसाने की धमकी दिया जाता है। जिससे ग्रामवासी काफी परेशान है। ग्रामीणों ने गुण्डरदेही तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते हुए जल्द ही अतिक्रमण हटाकर उचित कार्यवाही करने की मांग की है।
ग्रामीण अध्यक्ष मनहरण सिन्हा ने कहा कि बूधेलाल द्वारा शासकीय जमीन पर कब्जा करने से गांव का माहौल लगातार बिगड़ रहा है। ग्रामीण बूधेलाल की अतिक्रमण को देखते हुए गांव के अन्य लोग भी शासकीय जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। जिससे लगातार गांव में विवाद उत्पन्न हो रहा है। शासन प्रशासन से जल्द ही उचित कार्यवाही की मांग करते है।

ग्रामीणों ने कहा कि इसके पूर्व कलेक्टर जनदर्शन में भी आवेदन दे चुके है, परन्तु कोई कार्यवाही नहीं हुई। ग्रामीणों ने बताया कि बुधेलाल ने लगभग 20 वर्ष से गांव की शासकीय भूमि पर कब्जा किया हुआ है। और खेत बनाकर धान का फसल लगा रहा है।ग्रामवासियों द्वारा कई बार राजस्व न्यायालय में अतिक्रमण हटाने संबंधी आवेदन दिया जा चुका है उसके बाद भी राजस्व अधिकारियों द्वारा अतिक्रमण हटाने संबंधी कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है। बुधेलाल द्वारा किये गये अतिक्रमण से गांव में अन्य लोगों की भी अतिक्रमण करने की संभावना बनी हुई है तथा किये गये अतिक्रमण से ग्राम के विकास में बाधा उत्पन्न हो रही है। आज समस्त ग्रामवासी गांव में काम बंद कर तहसील कार्यालय पहुंचे है और उचित कार्यवाही के लिए शासन प्रशासन से मांग कर रहे है।
इस दौरान ग्रामीण अध्यक्ष मनहरण सिन्हा, ग्रामीण, रोमनलाल, वामन, डिगेशकुमार, ईश्वर लाल, बीजेराम, गणेश राम, चम्मन लाल, श्याम लाल, नरेश कुमार, नेतराम साहू, देवघर राम, अगेश्वर, टोमन लाल, लच्छू राम, पप्पूराम, ढालेश्वर, मोती दास, डेमन लाल, तिलोक चंद, सालिक दास, अर्जुन ठाकुर, नेमचंद, नंदलाल, कन्हैया, जितेंद्र, अमरसिंह, राजकुमार, जनक, चंद्रहास, दीनदयाल, हीरालाल, संतोष कुमार, रामेश्वर दास, जीवधन लाल, छन्नूलाल सहित गांव की महिला पुरुष सहित 200 की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।