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ग्राम कोटनी में आयोजित पंडवानी लोक कला महोत्सव कार्यक्रम में सम्मिलित हुए दुर्ग ग्रामीण व राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर।

परस साहू

गुण्डरदेही।

*पंडवानी समृद्ध लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को सहेजने और बढ़ावा देने का एक अनूठा प्रयास*

*पंडवानी का महत्व न केवल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।*

*विधायक ललित चंद्राकर*

दुर्ग विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम कोटनी में लोक कला मंच पंडवानी रिंगनी एवं सांस्कृतिक विभाग द्वारा आयोजित पंडवानी मेला एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में दुर्ग ग्रामीण विधायक व राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष ललित सम्मिलित हुआ। यह कार्यक्रम क्षेत्र की समृद्ध लोक कला, संस्कृति और परंपराओं को सहेजने और बढ़ावा देने का एक अनूठा प्रयास है।

*इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से* राजकुमार पांडेय अध्यक्ष, लोक कला मंच पंडवानी रिंगनी मनोज साहू सरपंच, ग्राम पंचायत कोटनी मनोज निषाद उप सरपंच, ग्राम पंचायत कोटनी डॉक्टर घनश्याम प्रसाद निषाद अध्यक्ष, निषाद समाज दुर्ग जिला संगठन, पन्नालाल निषाद अध्यक्ष, ग्राम विकास समिति, भुनेश्वरी रीझन ठाकुर जनपद सदस्य, गिरीश साहू मंडल अध्यक्ष, भाजपाश्री देवेंद्र यादव पूर्व सरपंच संघ अध्यक्ष, कमल निषाद महामंत्री, राष्ट्रीय समन्वय समिति, राम सिंह निषाद पूर्व सरपंच, ग्राम पंचायत कोटनी, दिव्या दिलीप साहू पूर्व सरपंच, ग्राम पंचायत कोटनी, संचालक संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन देव प्रसाद साहू, चमन यादव, दिलीप साहू बूथ अध्यक्ष, डिकेश ठाकुर बूथ अध्यक्षराजेंद्र ठाकुर, लक्ष्मी साहू जिला पंचायत सदस्य, हेमलाल साहू लोक कला मंच, रोहित निषाद, चेतन देवांगन पंडवानी गायक और धनीराम निषाद उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में ग्राम कोटनी के निवासियों ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया और अपनी संस्कृति के प्रति अपने प्रेम और गर्व को व्यक्त किया।

*इस अवसर पर दुर्ग ग्रामीण* विधायक व राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष ललित चंद्राकर कहा ने। पंडवानी एक पारंपरिक लोककला है छत्तीसगढ़ के आस पास क्षेत्रों में प्रचलित है पंडवानी की उत्पत्ति महाभारत की कथा से जुड़ी हुई है। इसमें महाभारत की कथा को गीत, संगीत और अभिनय के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। पंडवानी के कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में होते हैं और विभिन्न प्रकार के वाद्यों का उपयोग करके कथा को प्रस्तुत करते हैं।

पंडवानी का महत्व न केवल सांस्कृतिक और ऐतिहासिक है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

आज के समय में, हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की आवश्यकता है और हमारी विष्णु देव जी सरकार इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही हैं कलाकार को सम्मान प्रदान कर रहे हैं, पंडवानी जैसी लोककलाओं का महत्व और भी बढ़ जाता है। हमें इन लोककलाओं को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए।

*आगे, विधायक ने कहा पंडवानी के सभी* कलाकारों और प्रेमियों को धन्यवाद देता हूँ जो इस लोककला को जीवित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आइए हम पंडवानी जैसी लोककलाओं को संरक्षित करने और आगे बढ़ाने के लिए काम करें।

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