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छोटे छोटे बच्चे, युवा एवं बुजुर्गों ने पर्व का खूब आनंद उठाया, घर घर जाकर मांगा अन्न एवं धान।

लीलाधर साहू

गुण्डरदेही।

छेरछेरा पर्व पर “छेरिक छेरा माई कोठी के धान ल हेर हेरा” का नारा नगर सहित ग्राम अंचल में सुबह से शाम तक गूंजता रहा। छोटे छोटे बच्चे, युवा एवं बुजुर्गों ने पर्व का खूब आनंद उठाया, और घर जा जाकर अन्न एवं धान मांगा। कुछ बच्चों ने बाजे गाजे के साथ अन्न मांगा तो कई लोग टोली बनाकर नाचते हुए घर घर अन्न मांगने पहुंचे।

अंचल में इस बार छत्तीसगढ़ की पारंपरिक छेरछेरा पुन्नी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। आपको बता दें कि धान मिंजाई के बाद गांवों में घर-घर धान का भंडार होता है। जिसके चलते लोग छेरछेरा मांगने वालों को दान करते हैं। छेरछेरा, माई कोठी के धान ला हेर हेरा । यही आवाज सोमवार को अंचल में गूंजी और दान के रूप में धान और नगद राशि बांटी गई।

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