गुण्डरदेही।
जिलेभर के सतनामी समाज की आस्था का केंद्र बिंदु है गौरैय्या धाम: मंदिर समिति अध्यक्ष पवन जोशी।
गुण्डरदेही ब्लॉक के ग्राम चौरेल में मांगी पूर्णिमा के अवसर पर इस वर्ष 11 एवं 12 फरवरी को गौरैय्या मेला महोत्सव मनाया जाएगा। आयोजक संत गुरु घासीदास मंदिर समिति ने इसके लिए तैयारी कर ली है। आपको बता दें कि इस महोत्सव में जिलेभर के सतनामी समाज के अलावा सर्व समाज के लोग मंदिर ने दर्शन के लिए आते है।
मंदिर समिति के अध्यय पवन जोशी के बताया कि इस वर्ष 11 एवं 12 फरवरी को विशाल संत समागम मेला महोत्सव का आयोजन रखा गया है। यह आयोजन जिले भर के सतनामी समाज के आस्था का केंद्र बिंदु है। यहां समाज के लोग आते है और समाजिक विषयों पर भी संगोष्ठी की चर्चा होती है। प्रथम दिवस दीप प्रज्वलन जैतखाम एवं मंदिर में पालो चढ़ावा का कार्यक्रम सामाजिक जनों की उपस्थिति में सम्पन्न होगा। रात्रिकालीन जितेंद्र साहू कृत सोनहा बादर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन रखा गया है।
प्रथम दिवस के मुख्य अतिथि सतनामी समाज जिला अध्यक्ष संजय बारले होंगे। अध्यक्षता संरक्षक मंदिर समिति सीएल मारकंडे करेंगे। विशिष्ट अतिथि जिला संरक्षक अश्वन बारले, सतनामी आश्रम कल्याण समिति दुर्ग उपाध्यक्ष अंबादेवी, तहसील सतनामी समाज डौंडीलोहारा अध्यक्ष धनेश बघेल,, तहसील सतनामी समाज अर्जुंदा अध्यक्ष पुनराद गेंद्रे के आतिथ्य में कार्यक्रम संपन्न होगा।
कार्यक्रम के द्वितीय दिवस पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी बीएल कुर्रे, सतनामी समाज पूर्व जिला अध्यक्ष विजय बघेल, तहसील अध्यक्ष गुण्डरदेही नीलकंठ टंडन, गुरुर तहसील अध्यक्ष कृष्णा बंजारे, डौंडी तहसील अध्यक्ष पुरुषोत्तम बारले मुख्य रूप से उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम के दोनों दिवस जय सतनाम बालिका पंथी पेंडरवानी की प्रस्तुति होगी।
मंदिर समिति के अध्यक्ष पवन जोशी ने बताया कि मेले में पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए समिति द्वारा दोनों दिवस भोजन एवं भंडारा का आयोजन रखा गया है। मेले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन मुस्तैद रहेंगे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य चिकित्सा भी उपलब्ध रहेगी।
कार्यक्रम में संरक्षक सीएल मारकंडे, संजय बारले एवम संदीप जोशी, उपाध्यक्ष दीपक बघेल,महासचिव जीवन बंदे,सचिव संजय जोशी, कोषध्यक्ष समरू टंडन, सह सचिव भूपेंद्र चाणक्य, संगठन सचिव भानु टंडन, सलाहकार सुदामा गेंद्रे, शशि बंजारे, अंकालु चतुर्वेदी, रवि टंडन, केशव सिरमौर, बलराम बंजारे, महावीर चंदेल, तेहगुराम टंडन, चंद्रहास केसरिया, विजय बघेल, देवलाल कुर्रे, टकेश्वर जोशी, दौलत मारकंडे का विशेष योगदान है।