लीलाधर साहू
गुण्डरदेही।
*..पुलिस द्वारा पेश अभियोग पत्रनुसार, पीड़िता और आरोपी दोनों ही बस्तर संभाग में एक साथ बाल्यकाल से पढ़ाई करते थे, जो कि समय के अंतराल में प्यार में तब्दील हो जाने से पीड़िता, आरोपी बिंदेश से शादी करने की जिद्द के कारण से उसके परिवारजन बालोद जिला में अपने रिश्तेदार के घर भेज दिया था, परन्तु युवाओं मिलने का पागलपन होने से आरोपी उसे मोटर सायकल से वापस बस्तर – उड़ीसा के जंगली क्षेत्र के गांव में रखा था, …*
* बालोद थाना में पीड़िता के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज होने पर उनके मोबाइल लोकेशन के आधार पर पीड़िता को आरोपी से बरामद किया गया था, परन्तु पीड़िता नाबालिक होने के कारण से आरोपी और उसके परिवार के बड़ी मां, चाचा, बड़े पिता जी, और पड़ोसी को भी आरोपी बना कर अभियोग पत्र पेश किया था, जिसके कारण उन्हें जेल जाना पड़ा था …*
.*आरोपीगण की ओर से अधिवक्ता भेष साहू के द्वारा न्यायालय में विधिसंगत बचाव करते हुए आरोपीगण की दोषमुक्ति हेतु दलील पेश किया गया था, जिस पर विद्वान पोस्को न्यायालय के जज के द्वारा सभी आरोपीगण को दोषमुक्त करने का निर्णय पारित करने पर न्यायालय की मर्यादा से अनजान आदिवासी क्षेत्र के आरोपीगण कोर्ट परिसर में ही नाचते हुए तो महिलाओं के द्वारा रोते हुए अधिवक्ता साहू को बधाई शुभ कामनाएं दिए, …*
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