गुण्डरदेही।
शासकीय पशु चिकित्सा विभाग की निष्क्रियता और लापरवाही के चलते बेजुबान जानवर मौसमी बीमारी सहित अन्य बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इधर इलाज के लिए पशु चिकित्सा विभाग कोई सुध नहीं ले रहा है। पशु विभाग की गैर जिम्मेदार अधिकारी के चलते आज महज एक साल की बछड़े को भौंरी नामक बीमारी हो गई है, बीमारी के कारण बेजुबान जानवर की आंख बंद हो गई है। जिससे पशु मालिक को बछड़े को खान पान एवं देखरेख में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दें कि गुण्डरदेही नगर के चंडी मंदिर के पास निवास करने वाले पशु पालक दिलीप यादव काफी लंबे समय से गाय भैंस का दूध बेचकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पालतू भैंस के बच्चे ने अचानक खाना पीना बंद कर दिया, जिस पर उन्होंने शासकीय पशु चिकित्सा विभाग से सलाह लेकर उचित इलाज कराने की कोशिश की। परंतु विभाग के जिम्मेदार अधिकारी के मुख्यालय में उपस्थित नहीं होने के कारण उनको मजबूरन झोलाछाप डॉक्टर का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने बताया की झोलाछाप डॉक्टर के मुताबिक बछड़े को भौंरी नामक बीमारी हुई है। जिससे बछड़े की आंख पूरी तरह बंद हो गई है। उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।
पशु पालक दिलीप यादव ने कहा कि बीमारी के चलते पशुपालन करने में काफी परेशानी हो रही है। बछड़े को कुछ दिखाई नहीं दे रहा है जिससे खान-पान में काफी परेशानी हो रही है। काफी समय से पशुपालन कर दूध बेचकर अपना व्यवसाय कर रहे हैं। अगर पशु विभाग के अधिकारियों का ऐसा ही हाल रहा तो पशुपालकों का रोजगार छीन जाएगा।
उन्होंने कहा की पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी मुख्यालय में नहीं रहते, दुर्ग भिलाई से आना-जाना करते हैं और अधिकांश समय कार्यालय से नदारत रहते हैं। विभाग द्वारा पशु मालिकों को पशुओं के रखरखाव एवं खान-पान के बारे में जागरूक करना चाहिए साथ ही पशुओं में उत्पन्न होने वाली मौसमी बीमारियों के बारे में जानकारी देनी चाहिए। परंतु विभाग द्वारा जानकारी और जागरूकता तो दूर पशुओं में बीमारियां उत्पन्न होने पर सलाह एवं इलाज के लिए कार्यालय पहुंचते हैं तो अधिकारी कार्यालय में उपस्थित नहीं रहते।
उन्होंने आक्रोशित होते हुए कहा पशु विभाग की लापरवाही के कारण ही आज पशुपालन के लिए कोई रुचि नहीं ले रहा है। जिससे अधिकांश पशु सड़क पर नजर आ रहे हैं। क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। कई बार जनप्रतिनिधि से लेकर उच्च अधिकारी तक शिकायत कर चुका हूं परंतु अभी तक पशु विभाग के अधिकारी की मनमानी नहीं थम रही है।
उक्त मामले में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मौसमी यादव ने बताया कि मैं कल तक छुट्टी में रहा हूं, लेकिन मेरे अस्पताल तक एक भी पशु मालिक इस बीमारी के इलाज के लेकर नहीं पहुंचे हैं मेरे हॉस्पिटल में अगर कोई पशु मालिक बीमारी का इलाज लेकर आते हैं तो उसका पशु का इलाज करना मेरा फर्ज बनता है।