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ब्रह्माकुमारीज आनंद सरोवर बघेरा में समर कैंप।

लीलाधर साहू

गुण्डरदेही।

* गणित के माध्यम से अध्यात्म की शिक्षा
* खाने के समय मोबाइल या टीवी का उपयोग करते हैं तो नकारात्मक बातें मन में प्रवेश करती है और मन कमजोर होता है-ब्रह्माकुमारी खुशबू दीदी
* एक साधारण पत्थर छीनी हथौड़ी के प्रहार को अंत तक सहन करने के पश्चात पूज्यनीय मूर्ति बन जाती है – भुनेश्वरी दीदी

बालोद दुर्ग छत्तीसगढ़ 18 मई 2025 : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बघेरा स्थित आनंद सरोवर में समर कैंप के द्वितीय व दिवस पर भिन्न-भिन्न विद्यालय से अपने रंग बिरंगी स्कूली परिधान में आए हुए बच्चों को मन की शक्ति व एकाग्रता के विषय गणित के माध्यम से आध्यात्मिक शिक्षा दी गयी तथा मन की शक्ति व एकाग्रता का महत्व बताया गया खुशबू दीदी ने बताया जब हम किसी अच्छे कार्य करने के लिए सोचते हैं और उसे करते हैं तो उसका परिणाम हमेशा प्लस प्लस ही होगा और यदि हम किसी अच्छे कार्य के लिए सोचते हैं और उसे नहीं करते तो उसका परिणाम माइनस होगा।

मन के विषय में आपने बोलते हुए कहा कि मन हमारा बहुत अच्छा मित्र मन को शक्तिशाली बनाने की विधि बताते हुए आपने कहा कि जब विद्यार्थी अपना ध्यान मोबाइल में ज्यादा लगाने लगता है तो मन की एकाग्रता शक्ति कम होने लगती है मोबाइल का उतना ही उपयोग करें जितनी पढ़ाई में आवश्यकता है जब हम रील्स या शार्ट्स देखने लगते हैं तो समय का पता ही नहीं चलता कितना समय हमारा वेस्ट हो गया उस समय मन हमारी बात नहीं सुन रहा है इसका अर्थ है कि हम मन के अधीन है हमें मन को अच्छा मित्र बनना है जो हमारी हर बात माने।

तृतीय दिवस पर विद्यार्थियों के लिए ड्राइंग कंपटीशन का आयोजन किया गया जिसका विषय देशभक्ति,आध्यात्मिकता व पर्यावरण था । बतौर अतिथि पूजा ठक्कर (डाईंग टीचर व आर्टिस्ट ) ने विद्यार्थियों को ड्राइंग का विषय स्पष्ट किया। इसके साथ ही आज बताया गया जीवन में नैतिक मूल्यों का कितना महत्व है। नैतिक मूल्य से हमारे व्यक्तित्व में क्या निखार आता है इस विषय पर भुनेश्वरी दीदी ने बताया सहनशक्ति का जीवन में क्या महत्व है जब एक साधारण मूर्ति छीनी हथौड़ी के अंतिम प्रहार को सहन करते हुए पूज्यनी मूर्ति बन जाती है जिसके दर्शन मात्र से मन इच्छित कामना पूर्ण हो जाती है। यदि हम किसी एक गुण को जीवन में अंत तक धारण करेंगे तो हमारा जीवन भी पूज्यनी हो जाएगा। जो भी महान पुरुष इस दुनिया में होकर गए है स्वामी विवेकानंद,दयानंद आर्य बुद्ध,महात्मा गांधी इनका जीवन आज भी अनेकों के लिए प्रेरणा स्रोत है।

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