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भगोड़े पति व सास का पासपोर्ट निरस्त करने आयोग ने दिया निर्देश। गांव में जमीन कब्जा करने वाली आवेदिका दुबारा आवेदन लगाई थीं, आयोग ने प्रकरण नस्ती बद्ध किया।

लीलाधर साहू

गुण्डरदेही।

छत्तीसगढ़ राज्य माहिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्य ओजस्वी मंडावी व लक्ष्मी वर्मा ने आज संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जनसुनवाई की। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 323वीं व बालोद जिला की 5वीं सुनवाई हुई। बालोद जिले में आयोजित जन सुनवाई में कुल 16 प्रकरणों पर सुनवाई की गई। आज सुनवाई के दौरान विधायक संगीता सिन्हा एवं कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा, अपर कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक उपस्थित थे।

आज के सुनवाई के दौरान प्रकरण में उपस्थित आवेदिका ने पूर्व में भी उन्हीं पक्षकारों के खिलाफ सामाजिक बहिष्कार का प्रकरण प्रस्तुत किया था जिसे आपसी सहमती से नस्तीबद्ध किया जा चुका है। उसी आशय का दुबारा आवेदन दिया है जिसमें उभय पक्षों के मध्य तहसील न्यायालय में प्रकरण चल रहा है और 05 मई 2025 को गांव में सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया है इस पर सभी पक्षों ने हस्ताक्षर किए है। अतः प्रकरण नस्ती बद्ध किया जाता है। अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि पूर्व में उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी तब उसने आवेदन दिया था। लेकिन अब उसे कोई शिकायत नहीं है। इस स्तर पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। अन्य प्रकरण में आवेदिका ने राजी नामा की दस्तावेज की फोटोकापी 30 जनवरी 2025 को उभय पक्ष के मध्य इरकारनामा हो गया है वह अपना प्रकरण वापस लेना चाहती है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक क्रमांक 2 के पालतु श्वान ने काट दिया था, रिपोर्ट थाना बालोद में नहीं लिखे थे। घटना के 3 से साढ़े 3 माह बाद 04 अपै्रल 2025 को एफआईआर 156 दर्ज किया गया इस प्रकरण में अभी चालान पेश नहीं हुआ है। अनावेदक क्रं. 02 अभियुक्त के तौर पर न्यायालय प्रस्तुत हो रहा है। अतः आवेदक को समझाईस दिया जाता है कि वह न्यायालय में अपने अधिवक्ता के नाम से अनावेदक क्रमांक 02 को सजा दिलाने का प्रकिया कर सकता है। इस स्तर पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

अन्य प्रकरण में आवेदिका प्रधानपाठिका और अनावेदक बीईओ डौण्डी जिला बालोद हैं। आवेदिका का कथन है कि अनावेदक उनके स्कूल में आये दिन निरीक्षण करते है, उन्हें नोटिस देते है। दिसम्बर 2024 का वेतन रोक दिये है और दो दिन का वेतन भी काटा है। अनावेदक का कथन है कि आवेदिका रायपुर से 150 किमी. से आना जाना करती है। मुख्यालय में नहीं रहती है जिससे स्कूल का काम प्रभावित होता है। उभयपक्षों को विस्तार से सुनने के बाद दोनो समझाईश दिया गया दस्तावेज के साथ कितने बार औचक निरीक्षण किया कितनी बार नोटिस दिया गया। अनावेदक यह भी स्पष्ट करें कि जिस अवधि में आवेदिका के स्कूल का निरीक्षण किया गया है उन 06 माह में अन्य स्कूल में निरीक्षण किया गया है। एक माह के भीतर उभय पक्ष अपने दस्तावेज आयोग में प्रस्तुत करें। उसके पश्चात् आवश्यकता अनुसार आयोग की ओर से औचक निरीक्षण अथवा उचित कार्यवाही किया जायेगा। प्रकरण आगामी सुनवाई रायपुर में होगी।

अन्य प्रकरण में आवेदिका ने न्यायालय में भरण पोषण लगा रखा है। अतः वह न्यायालय से कार्यवाही चाहती है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। आवेदिका अपने प्रकरण में रूचि नहीं ले रही है। सूचना मिलने के बाद भी उपस्थित नहीं हो रही है प्रकरण पांच वर्ष पुराना होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। अन्य प्रकरण में अनावेदक क्रमांक 1 उपस्थित पिछली दो सुनवाई में दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा गया था लेकिन आवेदक ने अब तक कोई भी दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किया। अनावेदक स्वयं बोरेन ने शपथ पत्र पूर्व ही प्रस्तुत कर दिया विविध न्यायालय के 100 पत्रों का दस्तावेज प्रस्तुत किया है जिस यह स्पष्ट है कि उभय पक्षों के मध्य वाद विचाराधीन है। अतः आयोग के द्वारा पुनः उन्हीं प्रकरणों को सुना जाना औचित्य नहीं है।

अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। अन्य प्रकरण में आवेदक उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित। 6 माह का मातृत्व अवकाश बाबत् आयोग में प्रस्तुत किया था जिसमें अनावेदक 90 दिन का अवकाश स्वीकृत कर रहे थे। लेकिन आयोग में प्रकरण दर्ज करने के मध्य अनावेदक पक्ष के द्वारा आवेदिका को 180 दिन का मातृत्व अवकाश दिया गया है जिसके कारण आवेदिका अपना प्रकरण वापस लेना चाहती है। इस स्तर पर प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। अन्य प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि आवेदक अपने बेटे (अना. पति) के साथ दुबई चली गई है। अनावेदक उसके बेटे का भरण पोषण नहीं दे रहे है।

अनावेदक अपने माता पिता पर आश्रित है। अनावेदक का पति और आवेदक सास दुबई से भारत नहीं आ रहे है। जिसके कारण अनावेदक को भरण पोषण के लिए तकलीफ हो रही है। अनावेदक को समझाईश दिया कि अपने पति और आवेदक के खिलाफ बालोद थाना में दहेज प्रताड़ना का अपराध कायम करें और पति और सास का पासपोर्ट निरस्तीकरण का कार्यवाही प्रारंभ करें। आवेदक ने बताया कि अनावेदक वर्तमान में अपने बेटे के साथ दुबई चली गई। वह सभी के खिलाफ आयोग में शिकायत करना चाहती है शिकायत मिलने पर इस फाईल के साथ रखी जायेगी। अन्य प्रकरण में आवेदक के पति के द्वारा आवेदक द्वारा आवेदक से तलाक लिये बगैर दुसरा विवाह कर लिया है उसके बच्चे भी है।

इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर खैरागढ़ के द्वारा आवेदक के पति की सेवा समाप्त की अनुशंसा की गई थी। जिस पर भी अनावेदक ने कोई विभागीय अनुशंसा कार्यवाही नहीं किया इस संबंध में विस्तृत पर पत्र भेजा जायेगा। आवेदक अपने प्रकरण की शीघ्र सुनवाई के लिए रायपुर में स्थानांतरण कराना चाहती है। प्रकरण आगामी सुनवाई हेतु रायपुर में रखा जाता है। अन्य प्रकरण में उभय पक्षों के मध्य पैसों के लेने देन का मामला था। चेक बाउंस होने का प्रकरण है। अतः प्रकरण आयोग में विचाराधीन नहीं होने के कारण प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

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